Yes Bank का माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के साथ धोखा? डूबे कर्ज को छोड़ Dish TV बोर्ड के कंट्रोल पर रही नजर
Yes Bank latest news: Yes Bank ने राइट्स इश्यू रोककर माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की अनदेखी क्यों की? 10 रुपए के भाव पर राइट्स शेयर लाने से निवेशकों को फायदा मिलता.
Yes Bank latest news: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बाकी बैकों की दया से मिले जीवनदान के बाद Yes Bank का फोकस डूबे कर्जों की रिकवरी पर होना चाहिए था. लेकिन, Yes Bank का मैनेजमेंट किसी और के ही एजेंडे पर काम कर रहा है. Dish TV के गिरवी रखे शेयरों को बाजार में बेचकर पैसा वसूलने के बजाए यस बैंक का ध्यान डिश टीवी के मैनेजमेंट कंट्रोल पर है. सवाल है कि यस बैंक को कंट्रोल लेना है तो फिर ओपन ऑफर लाने का ऐलान क्यों नहीं किया?
यस बैंक का माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के साथ धोखा?
Yes Bank के मैनेजमेंट ने माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के साथ भी धोखा किया. Dish TV के बोर्ड में कंट्रोल के लिए ओपन ऑफर का ऐलान नहीं किया. वहीं, ऐसा कोई भी प्लान तैयार नहीं किया जिसमें शेयरधारकों का हित नजर आए. यस बैंक के मैनेजमेंट ने डिश TV बोर्ड में 8 में से 7 सदस्य नियुक्ति करने का प्रस्ताव दिया था. मैनेजमेंट ने यह भी नहीं सोचा कि यस बैंक को ओपन ऑफर से छूट का फायदा कितनी बार मिलेगा?
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
TRENDING NOW
राइट्स इश्यू रोककर किया धोखा
Yes Bank ने राइट्स इश्यू रोककर माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की अनदेखी क्यों की? 10 रुपए के भाव पर राइट्स शेयर लाने से निवेशकों को फायदा मिलता. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. साथ ही मैनेजमेंट के पास ऐसा भी कोई प्लान नहीं था कि अगर डिश TV में नई पूंजी नहीं आएगी तो कंपिटिशन से कैसे निपटेंगे? यस बैंक को ओपन ऑफर से छूट का फायदा कितनी बार मिलेगा? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके घेरे में बैंक का मैनेजमेंट घिरा दिखाई देता है. लेकिन, उससे एजेंडे को लगातार चोट पहुंच रही है.
हाईकोर्ट में पड़ी फटकार
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बैंक को मुंह की खानी पड़ी. कोर्ट ने YES Bank को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस के Yes Bank के पास गिरवी रखे Dish TV के शेयरों को फ्रीज करने के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में FIR रद्द करने और जांच रोकने से इनकार किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि मामला बड़ा है और पर्याप्त मैटेरियल भी नहीं हैं. बिना पर्याप्त मैटेरियल के सही परिप्रेक्ष्य में देख पाना कठिन है. कोर्ट ने यस बैंक को निर्देश दिया कि पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट जाए और वहां से राहत लें.
अधिकारियों के कारनामे पड़ रहे भारी
Yes Bank के अधिकारियों के कारनामे भी अब उस पर भारी पड़ रहे हैं. एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की जांच में सीधे तौर पर फंसे एक अधिकारी को बैंक को जबरन छुट्टी पर भेजना पड़ा है. मैनेजमेंट ने होलसेल बैंकिंग हेड आशीष अग्रवाल को छुट्टी पर भेजा है. यस बैंक केस में ED की चार्जशीट में आशीष अग्रवाल का नाम शामिल है. अग्रवाल ने बतौर चीफ क्रेडिट रिस्क ऑफिसर कई लोन पास किए थे. मंजूर किए 31,855 करोड़ रुपए के 71 लोन NPA हुए. ED ने माना कि अग्रवाल ने जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई थी. साथ ही उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में एक तरह से मदद की थी.
05:03 PM IST